अंकुर महाजन
भारतीय सेना के सैनिकों की भूमिका कश्मीर में अपरिहार्य है। पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के खिलाफ लगातार प्रतिरोध के बीच, उद्धारकर्ताओं और कश्मीरियों के बीच संबंध नए स्तर पर गहरा गया है। कश्मीरियों को पता है कि सैनिक मौत से भी नहीं डरते हुए उनकी रक्षा कर रहे हैं।
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आओ सुनाऊं तुम्हें एक कहानी कश्मीर की,
आज़ाद भारत और बदलते कश्मीर की,
याद है मुझे डल में शिकारों का चलना,
शालीमार और निशात जैसे गुलिस्तानों का खिलना,
याद है मुझे खीर भवानी और हरि पर्वत के त्योहार ,
कश्मीर के लोगों का प्यार भरा व्यवहार |
हमने वादी में वक्त बदलता देखा है,
हमने आतंकवाद की चादर से वादी को ढकते देखा है,
आतंकवाद के साए में जिंदगियों को बर्बाद होते देखा है,
कुछ फिरंगी भेड़ियो को आवाम को गुमराह करते देखा है,
हमने अक्सर वादी में वक्त बदलते देखा है |
आज फिर नया दौर आया है,
आवाम और जवान को साथ लाया है,
हमने आवाम को एक नया कश्मीर दिखाया है,
इस कश्मीर को नए अवसरों से सजाया है,
अवसर फौज में भर्ती के,
ज्ञान कश्मीर की उपजाऊ धरती पे,
अवसर रोजगार पाने का,
मौका कम्प्यूटर क्लास चलाने का,
अवसर सिलाई मशीन चलाने का,
कश्मीर की बेटी पढ़ाने का,
अवसर रोजी रोटी कमाने का,
मजदूरी से घर चलाने का,
अवसर कश्मीर को पूरी तरह अपना बनाने का,
आवाम और जवान का नया रिश्ता बनाने का,
अवसर हर मौसम में मिलके हाथ बढ़ाने का
हर मुस्किल से कश्मीर को बचाने का |
आज बच्चा बच्चा बोल रहा है,
यह नया दौर आया है,
आवाम और जवान को साथ लाया है,
झंडा अमन और तरक्की का आसमान में लहराया है,
फौज़ ही कश्मीर का हमसाया है |
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