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बलिदान

एस के दीक्षित

 

रक्त से लिखा है,

विजय का इतिहास जो।

राष्ट्र का वन्दन है,

बलिदान के उस दान का ।।











रक्त की हर बूंद,

वीरों के हृदय में लिख गई है।

बल दिया बलिदान ने,

इस राष्ट्र के निर्माण को ।।


राष्ट्र की रग रग फडकती,

सैनिकों के बलिदान से ।


राष्ट्र प्यारा हो गया है,

सैनिकों के प्राण से ।।


राष्ट्र पर आओ करें,

दान हम हर साँस को ।

रक्त से लिखा है,

विजय का इतिहास जो।


राष्ट्र का वन्दन है,

बलिदान के उस दान का ।।

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