एक विचलित
- Soldier Stories Of Kashmir
- Feb 10, 2021
- 1 min read
Updated: Apr 24, 2021
वीर विक्रम सिंह
कश्मीरी युवा को,अपने माता-पिता,भाई -बहनों,दोस्तों और सूफी वादी विचारधारा के लोगों द्वारा समझाने का और सदमार्ग पर चल के,अपना और अपने परिवार का, नाम आगे बढ़ाने में, कोशिश है!
ऐ ..खुदा के बंदे.....
ऐ ..खुदा के बंदे......
मेरी.. रजा तू सुन ले...
मेरी... रजा तू सुन ले...
कुछ.. ऐसा काम कर ... ..अपना भी नाम कर...
ख़ुदा का भी नाम हो..
वतन ना बदनाम हो..
ऐ खुदा के बंदे.....
ऐ खुदा के बंदे.....
मेरी रजा तू सुन ले ...
मेरी रजा तू सुन ले.....

तू अपनोंकी शान है.... तू दोस्तों की जान है .....
कहीं तू अटक मत रास्ता भटक मत.....
शम्मा तू जल आएगा ..
अंधेरा भाग जाएगा.....
मेरी तुझसे एक रजा.. अपनोंको दे_नासजा..
उनका तू हीरो बन.. उनका तू ध्यान धर..
अपना तु ख्याल कर.
बाकी रब पे छोड़ दे..
वह बड़ा महान है...
तू तो उसकी जान हैं...
उस पर यकीन कर....
ऐ.. खुदा के बंदे ....... ऐ... खुदा के बंदे.......
यह फकीर तुझसे कहता है.....
वो रब हमेशा देता है ....
उस पर यकीन कर....
खुदापे तु यकीन कर..
रब की है एक रजा इंसान को तोदेना सजा....
इंसानियत का ख्याल कर..
फिर अपना नाम कर ...
ए खुदा के बंदे..
ए खुदा के बंदे ....
मेरी रजा तू सुन ले मेरी रजा तू सुन ले...
Comentarios