Prince Rohit
कविता नए कश्मीर की एक वास्तविकता खींचती है। कश्मीर घाटी, जो गलतियों और शांति, प्रेम और सह-अस्तित्व की आशा भरी आँखों के एहसास की ओर बढ़ती है।
The poem draws a reality of new Kashmir. The Kashmir valley that grows of realization of wrongs and hopeful eyes of peace, love and coexistence.
कुछ नया सा है
है कुछ है ये पुराना..
पर है ये हकीकत..
ना समझो अफसाना
बदल रहा मेरा कश्मीर
हर दिल में है ये तराना
रास्ते हैं नए
हैं नयी अब मंज़िलें
पर प्यार लौट आया है वही पुराण
है ये हकीकत..
ना समझो अफसाना....
रुक्सत हुए बादल वो गम के
मुस्कुराहटों का है हर चेहरे पे ठिकाना
लिए नए सपने आँखों
पीछे छोड़ आये हम बुरा वो वक़्त पुराण
है ये हकीकत ना समझो अफसाना
कुछ है ये नया सा
कुछ है पुराना
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