अंकुर महाजन
रमजान का पवित्र महीना न केवल हमें एक साथ बांधता है, बल्कि हमें इस बात का भी एहसास कराता है कि इस दिन हमारे जीवन में, हमारे परिवारों, प्रिय दोस्तों के लिए क्या महत्व है। समाज में अच्छे क्रम फैलाने और प्रत्येक व्यक्ति को समाज को आकार देने में सभी की जिम्मेदारी महसूस करने और यह सुनिश्चित करने के लिए चिह्नित किया जाता है कि सभी अशुद्धियों को साफ किया जाए और लोगों के दिलों में एहसास हो कि यह केवल प्यार और एकता की भावना है जो समाज को विकास और प्रगति की और ले जाति है। आइए इस पवित्र महीने को शांति के महान उद्देश्य के लिए समर्पण के साथ मनाएं इस मानवता को प्यार और फैलाओ।
रमज़ान त्यौहार है बशरीया का ,
रमज़ान त्यौहार है सही और गलत का,
रमज़ान मुबारक महीना नौमा साल का,
रमज़ान त्यौहार है पाक ईमान का
ना जाने फिर भी हम त्यौहारों को क्यों बांटते हैं धर्म के नाम पर,
ना जाने क्यों हम रमज़ान मनाते हैं सिर्फ़ इस्लाम के नाम पर !
आओ इस बार हम रमज़ान–ऐ–मुबारक कुछ अलग मनाएंगे,
हम इस त्यौहार को पाक सोच से सजाएंगे,
इस साल मुबारक रमज़ान हम धर्म और जाति भूल कर मनाएंगे,
हम मिलकर शहरी और इफ्तार में पाक पकवान खाएंगे,
हम इस बार कुछ अलग से मुबारक रमजान मनाएंगे !
ना मैं हिन्दू ना मुसलमान,
मेरा सिर्फ कश्मीरियत हैं ईमान,
ना मेरा अल्लाह ना मेरा राम,
मेरा सिर्फ एक खुदा या एक भगवान !
मैंने रोजा– ए–रमजान भी रखा है,
मैंने नवरात्री का त्यौहार भी रखा है .
मैंने रमज़ान में शहरी भी खाई है,
और नवरात्री का फलहार भी रखा है
मैंने अष्टमी की पूजा की थाली भी सजाई है,
इफ़्तार के लिए मीठे पकवान भरी थाली भी बनाई है,
इस साल मैंने रमज़ान में नवरात्री भी मनाई है,
और नवरात्री में अपने बच्चो को खुदा की नमाज़ भी पढ़ाई है !
हमने इस साल कुछ अलग से रमज़ान –ए–मुबारक मनाया है,
भाईचारे और एकता का फरमान सुनाया है,
हमने मिलकर कश्मीर को तर्रकी की और बढ़ाया है,
हमने इस बार रमज़ान –ए– मुबारक में नया कश्मीर अपनाया है,
हमने इस साल कुछ अलग ही मुबारक रमज़ान मनाया है !
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